मकड़ी के बारे में रोचक तथ्य – Amazing Facts & Essay on Spider in hindi
मैं कई बार जब खेतों में जाता हूँ तो मुँह पर जाला चिपक जाता है उसे उतारना कितना मुश्किल हो जाता है ये मैं ही जानता हूँ. मुँह से उतारूँ तो हाथ पर… हाथ से उतारूँ तो दूसरे हाथ पर . बस क्या बताऊँ यार… ! आज हम इन्हीं जाला बनाने वाली मकड़ियों के विषय पर खुलकर बात करेगे. मकड़ी के बारे में ऐसी जानकारी आपको शायद ही कही मिलें.
1. मकड़ी, घोंघे और झींगे के खून का रंग नीला होता है क्योंकि इनके खून में लोहे की जगह ताम्बा पाया जाता है.
2. सभी प्रजातियों में से केवल आधी ही जाला बुन पाती है. इनका जाला बाइक के व्हील की तरह दिखता है. एक मकड़ी को जाला बनाने में करीब 60 मिनट लगते है. कुछ मकड़ियाँ तो हर रोज रात को नया जाला बुनती है जबकि कुछ पुराने को ही रिपेयर कर लेती है. फिर इसके बीच में बैठकर अपने शिकार का इंतजार करती है.
3. मकड़ियाँ अपने जाले को रिसाइकल भी करती है. जब 1 दिन या उसके बाद जाले की चिपचिपाहट खत्म होने लगती है तब मकड़ी पुराने जाले को बाॅल की तरह इकट्ठा करके उस पर अपने पेट में से एसिड निकाल कर डाल देती है जिससे वह लिक्विड में बदल जाता है और मकड़ी उसे खा जाती है. और तब फिर से नया जाला बनाती है. इनका मुँह बहुत छोटा होता है इसलिए ये अपने शिकार को भी पहले ऐसे ही पिघलाती है फिर सूप की तरह उसे पी जाती है.
4. नींद में मकड़ी खाने के चांस 0% है.
5. नर मकड़ी के पास लिंग नही होता बल्कि ये चेहरे के साथ सेक्स करते है.
6. मकड़ी के जालें में Vitamin K होता है जो खून का थक्का जमाने में सहायता करता है. प्लास्टर के अविष्कार से पहले लोग मकड़ी के जाले से ही खून रोकते थे.
7. यदि एक मकड़ी तेजी से भागती हुई दिखे तो इस बात के बहुत ज्यादा चांसेस है कि वो सेक्स करने के लिए साथी ढूंढ रही है.
8. मकड़ियों की 2 प्रजातियाँ 23,000 फीट की ऊँचाई पर भी पाई गई है. इतनी ऊँचाई पर ऑक्सीजन की कमी की वजह से पौधे भी थोड़े से पाए जाते है.
9. पर्वतारोही जैसे रस्सी से चिपके रहते है उसी तरह, मकड़ियाँ भी अपने जाले से चिपकी रहती है जिससे वह नीचे गिरने से बच जाती है और रस्सी की तरह इसके सहारे वापिस ऊपर चढ़ जाती है इसे ‘Draglines’ कहते है. मकड़ियाँ उड़ नही सकती लेकिन वो अपने जाले की मदद से हवा में कई मीटर तक जरूर तैर सकती है इसे ‘Ballooning’ कहते है.
10. अमेरिका के डिफेंस डिपार्टमेंट के वैज्ञानिक ‘Gold Orb’ नाम की मकड़ी के जाले की नकल बनाने की कोशिश कर रहे है. वो इसे बुलेट प्रूफ जैकेट में प्रयोग करना चाहते है.
11. मकड़ी की लगभग सभी प्रजातियाँ मनुष्य के लिए थोड़ी बहुत हानिकारक होती है. लेकिन इनके काटने से बहुत कम मौतें हुई है. किसी मकड़ी के काटने से आखिरी मौत 1981 में आस्ट्रेलिया में हुई थी.
12. मकड़ियों की एक प्रजाति ‘Jumping Spider’ अपनी लंबाई से 50 गुना ऊपर तक कूद सकती है. यह इसलिए संभव हो पाता है क्योंकि इसके पिछले अंगो में ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा रहता है. यदि मनुष्य इतना ऊँचा कूद पाता तो इसकी ऊँचाई 230 फीट होती.
13. मकड़ियों से लगने वाला डर एक बहुत ही आम डर है इसे “Arachnophobia” कहते है. दुनिया के 10% आदमी और 50% औरतों को मकड़ियों से डर लगता है.
14. ‘Goliath Birdeater’ दुनिया की सबसे बड़ी मकड़ी है वजन और साइज के हिसाब से. और ‘Huntsman’ दुनिया की सबसे बड़ी मकड़ी है टाँगो के हिसाब से. इसकी टाँगे लगभग 12 इंच लंबी होती है. ये चूहे, छिपकली से लेकर पक्षी तक को खा सकती है. ये दोनों मकड़ी डिनर प्लेट के साइज की है.
15. ‘Patu digua endemic’ दुनिया की सबसे छोटी मकड़ी है. इसकी लंबाई सिर्फ 0.37 मिमी है. ये इतनी छोटी होती है कि, पेंसिल के पिछली हिस्से पर ऐसी 10 मकड़ियाँ आ सकती है.
16. मकड़ियों की कुछ प्रजातियों में भगवान ने अलग से टैलेंट दे रखा है. जैसे:- क्रैब मकड़ी जगह के हिसाब से अपना रंग बदल सकती है, जंपिंग मकड़ी बहुत ऊँचाई तक कूद सकती है, वुल्फ मकड़ी 2 फीट प्रति सैकेंड की रफ़्तार से दौड़ सकती है, स्टीगोडाईफस नामक रेगिस्तानी मकड़ी अपने बच्चों को खुद की उल्टी खिलाती है और मादा ब्लैक विडो मकड़ी सेक्स करने के बाद अपने साथी को ही खा जाती है.
17. मकड़ियाँ दूसरी मकड़ियों का जाला प्रयोग करती है क्या ?
Ans. हाँ, कुछ मकड़ियाँ बिल्कुल काम नही करती. ये बड़ी-बड़ी कलोनियों में रहती है और अपने जाल को साझा करती है. ये आपस में खाना भी चुराती है. ये सब बातें पूरी तरह से इनकी प्रजाति पर निर्भर करती है.
18. जब मकड़ियाँ उड़ नही सकती तो ये दो पेड़ो के बीच जाला कैसे बना लेती है ?
Ans. आपने मकड़ियों के जालों को दो पेड़ो के बीच बने हुए देखा होगा और सोचते होंगे की ये कैसे बना होगा (आप सोचो या ना सोचो लेकिन बचपन में मैं जरूर सोचता था) एक छोटी-सी मकड़ी ने इतनी दूरी कैसे तय की होगी यह दूरी कई फ़ीट तक की भी हो सकती है. तो इसका जवाब शुरू होता है मकड़ियों के जालें बनाने की प्रक्रिया से. दरअसल, मकड़ियाँ अपने पेट की ग्रंथियों से एक तरल पदार्थ बाहर निकालती है जो ठोस में परिवर्तित हो जाता है. इस जालें का रेशम इतना हल्का होता है कि हल्की-सी हवा के झोंके से भी यह दूर तक उड़ता हुआ झूल सकता है. यहाँ तक की ये धरती से निकलती हुई गर्मी से भी हवा में झूल जाता है. चिपचिपा होने की मदद से यह पेड़ की टहनियों से चिपक जाता है.
निष्कर्ष: ये हवा की मदद से ऐसा कर पाती है.
19. मकड़ी अपने खुद के बनाए जालें में क्यों नही फंसती ?
Ans. आपको पता होगा, कि मकड़ी का जाला चिपकने के बाद उसे हटाना कितना मुश्किल हो जाता है. छोटे-छोटे कीड़े मकड़ी के जाल में आसानी से फंस जाते है लेकिन मकड़ी खुद कभी नही फंसती. दरअसल, मकड़ी का पूरा जाल चिपचिपा नही होता. मकड़ी बड़ी चालाक होती है वह कुछ हिस्सा तो चिपचिपा बुनती है और जहाँ इसे बैठना होता है वो हिस्सा बिना चिपचिपे पढार्थ से बुनती है. इसलिए ये हो पाता है.
20. पृथ्वी पर जनसंख्या की बात करें, तो मकड़ियाँ 7वें नंबर पर आती है.
21. मकड़ी, 40 करोड़ साल से धरती पर रह रही है. जो बहुत लंबा समय है. कुछ मकड़ियों की उम्र 1 साल जबकि कुछ की उम्र 20 साल होती है.
22. मकड़ियों की गिनती कीड़ो में नही होती, बल्कि ये बिच्छू की तरह arachnid (अष्टपाद) फैमिली से संबंध रखती है. (Spiders are arachnids, not insects.) Arachnid और insects में क्या अंतर है ?
Arachnids: इनका शरीर 2 भागों में बँटा होता है.
Insects: इनका शरीर 3 भागो में बँटा होता है.
Arachnids: इनकी 8 टांगे होती है.
Insects: इनकी 6 टाँगे होती है.
Arachnids: इनके पंख और एंटिना नही होता.
Insects: इनके ज्यादात्तर के पंख होते है.
Arachnids: ये चबा नही सकते.
Insects: ये चबा सकते है.
23. मकड़ियों की 46,000 से ज्यादा प्रजातियों की खोज हो चुकी है. इनमें से केवल एक ‘Bagheera Kiplingi’ नाम की प्रजाति ही शाकाहारी है.
24. आपके घर में जितनी मकड़ियाँ है उनमें से 95% ने तो बाहरी दुनिया देखी ही नही.
25. एक एकड़ जमीन पर लगभग 10 लाख मकड़ी होती है. ऐसा माना जाता है, कि कोई इंसान मकड़ी से 10 फीट से ज्यादा दूर नही जा सकता.
26. मकड़ियों के पास ऐसी ग्रंथिया होती है जो रेशम बनाती है. ये कुल 7 तरह के रेशम का उत्पादन कर सकती है जिसकी मोटाई 0.003 मिमी होती है.
28. मकड़ियों को ज्यादा दूर का नही दिखाई देता. लेकिन कुछ प्रजातियाँ वो लाइटें भी देख सकती है जो मनुष्य भी नही देख सकता. जैसे:- UVA & UVB Light.
29. मकड़ियाँ ‘Hydraulic Power’ की वजह से चल पाती है. इनके अंगो में माँसपेशियाँ और रीढ्ढ की हड्डी नही होती.
30. मकड़ी का जाला दुनिया की सबसे मजबूत चीजों में से एक है. ये सामान वजन की स्टील से 5 गुना मजबूत होता है. हमारें पास अभी तक ऐसी कोई तकनीक नही आई है जिससे इतनी मजबूत चीज बनाई जा सके. यदि इसे इकट्ठा करके पेंसिल जितनी मोटी रस्सी बनाई जाए तो यह उड़ते हुए बोइंग 747 विमान को भी रोक सकता है. आपको बता दें, इस विमान की टाॅप स्पीड 988km/h है.
31. एक मकड़ी के 48 घुटने होते है… जी हाँ, आप गिन सकते है. इसकी कुल 8 टाँगे होती है और प्रत्येक टाँग पर 6 जोड़ होते है. 8 × 6 = 48. हो गए ना पूरे.
32. मकड़ियाँ पानी पर चल सकती है और उसके अंदर साँस भी ले सकती है. यह अपने आठों पैरों को फैलाकर अपने वजन को बराबर बाँट लेती है जिससे पानी का surface tension नही टूट पाता और इन्हें पानी पर चलने में आसानी हो जाती है.
33. मकड़ी, चींटीयों से डरती है क्योंकिं इनमें formic acid पाया जाता है.
34. हमारी मांसपेशियाँ (नसें) कंकाल से बाहर होती है लेकिन मकड़ियों की मांसपेशियाँ उनके कंकाल के अंदर होती है.
35. जब मकड़ी चलती है तो किसी भी एक moment पर हमेशा उनकी चार टाँगे हवा में रहती है और चार जमीन पर.
36. मकड़ियों के पैरो पर छोटे-छोटे बाल होते है. इनकी मदद से ये खूशबू महसूस कर पाती है और ये बाल इन्हें दीवार पर चढ़ते समय पकड़ बनाने में भी मदद करते है.
37. एक मकड़ी एक साल में लगभग 2000 कीड़े खाती है और सभी मकड़ियाँ एक साल में लगभग ब्रिटेन की कुल आबादी के वजन जितने कीड़े खाती है. (आपको बता दें, ब्रिटेन की आबादी 6 करोड़ 8 लाख है.) इतना तो सभी पक्षी और सभी चमगादड़ मिलकर भी नही खाते.
38. कुछ प्रजातियों में, नर मकड़ी का आकार मादा मकड़ी से बहुत छोटा होता है.
39. एक मादा मकड़ी एक बार में 3,000 से ज्यादा अंडे दे सकती है और इसके एक अंडे में मनुष्य से 4 गुना ज्यादा DNA होता है. एक अकेली मकड़ी से कई देशों की जनसंख्यां जितना डीएनए प्राप्त किया जा सकता है.