Gazab Adda
अजब गज़ब दुनिया की हिंदी खबरे

महिलामुख हाथी जातक कथा Mahilamukh Hathi Jatak Story in Hindi

महिलामुख हाथी जातक कथा Mahilamukh Hathi Jatak Story in Hindi

एक राजा के अस्तबल में महिलामुख नाम का एक हाथी रहता था जो बहुत ही सौम्य था तथा अपने महावत के लिए परम स्वामिभक्त और आज्ञाकारी भी।

एक बार अस्तबल के पास ही चोरों ने अपना अड्डा बना लिया। वे रात-बिरात वहाँ आते और अपनी योजनाओं और अपने कर्मों का बखान वहाँ करते। उनके कर्म तो उनकी क्रूरता आदि दुष्कर्मों के परिचायक मात्र ही होते थे।

हमारे इस कहानी को भी पड़े : मनहूस कौन? तेनालीराम की कहानी

कुछ ही दिनों में उनकी क्रूरताओं की कथाएँ सुन-सुन महिलामुख की प्रवृत्ति वैसी ही होने लगी। दुष्कर्म ही तब उसे पराक्रम जान पड़ने लगा। तब एक दिन उसने चोरों जैसी क्रूरता को उन्मुख हो, अपने ही महावत को उठाकर पटक दिया और उसे कुचल कर मार डाला।

उस सौम्य हाथी में आये आकस्मिक परिवर्तन से सारे लोग हैरान परेशान हो गये। राजा ने जब महिलामुख के लिए एक नये महावत की नियुक्ति की तो उसे भी वैसे ही मार डाला। इस प्रकार उसने चार अन्य परवर्ती महावतों को भी कुचल कर मार डाला। एक अच्छे हाथी के बिगड़ जाने से राजा बहुत चिंतित था।

हमारे इस कहानी को भी पड़े : राजगुरु की चाल तेनालीराम की कहानी

उसने फिर एक बुद्धिमान् वैद्य को बुला भेजा और महिलामुख को ठीक करने का आग्रह किया। वैद्य ने हर तरह से हाथी और उसके आसपास के माहौल का निरीक्षण करने के बाद पाया कि अस्तबल के पास ही चोरों का एक अड्डा था, जिनके दुष्कर्मों की कहानियाँ सुन महिलामुख का हृदय भी उन जैसा भ्रष्ट होने लगा था।

महिलामुख हाथी जातक कथा Mahilamukh Hathi Jatak Story in Hindi

बुद्धिमान वैद्य ने तत्काल ही राजा से उस अस्तबल को कड़ी निगरानी में रखने की और चोरों के अड्डे पर संतों की सत्संग बुलाने का अनुरोध किया। राजा ने बुद्धिमान् वैद्य के सुझाव को मानते हुए वैसा ही करवाया। संतों की वाणी सुन-सुन कर महिलामुख भी संतों जैसा व्यवहार करने लगा। महिलामुख की दिमागी हालत सुधर जाने से राजा बहुत प्रसन्न हुआ और वैद्य को प्रचुर पुरस्कार देकर ससम्मान विदा किया।

5/5 - (1 vote)
You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.