1.क्रिएटिव लोगों की खासियत
जब हम कहते हैं कि ‘वो इंसान बहुत क्रिएटिव है’ तो इससे जयादातर यही मतलब निकलकर आता है कि उस इंसान की आर्ट और कला में काफी अच्छी समझ और रुचि है। लेकिन क्रिएटिव होने का अर्थ केवल इतना ही नहीं होता। क्रिएटिविटी या रचनात्मकता की परिभाषा इससे काफी बड़ी है।
2.क्या आप क्रिएटिव हैं?
दरअसल क्रिएटिव या रचनात्मक होना हमारी सोच पर निर्भर करता है और ऐसी सोच वाले हमारे आसपास कई लोग हो सकते हैं। लेकिन अगर आपको यह परखना हो कि आपने सामने वाला व्यक्ति या आप स्वयं ही कितने क्रिएटिव हैं तो चलिए आपको रचनात्मक लोगों के बारे में कुछ बातें बताते हैं।
3.समय के पीछे नहीं भागते
रचनात्मक सोच वाले लोग किसी भी काम को करने से पहले घड़ी की ओर नहीं देखते हैं। काम को सही समय से पूरा करना एक अच्छी आदत होती है, लेकिन क्रिएटिव लोग हर काम को अपनी सहूलियत के अनुसार और समय लेकर करते हैं। ये लोग वक्त के पीछे कभी नहीं भागते हैं।
4.ना जाने किस दुनिया में रहते हैं
किसी के साथ बैठे हुए भी उसके साथ नहीं होना, यानि ख्याली पुलाव बुनते हुए ना जाने कहां पहुंच जाते हैं क्रिएटिव दिमाग वाले लोग। क्या आप भी ऐसा करते हैं?
5.थोड़े पागल होते हैं
नहीं नहीं, मानसिक रूप से पागल की बात नहीं कर रहे हैं हम। लेकिन क्रिएटिव व्यक्ति की सोच होती ही ऐसी है जो हर किसी की समझ में नहीं आती। ये लोग दुनिया से हटकर सोचते हैं।
6.इनकी एकाग्रता भंग की जा सकती है
भले ही ये अपनी दुनिया में खो जाते हैं, आसपास किसी की नहीं सुनते लेकिन एक शोध में यह साबित किया गया है कि क्रिएटिव सोच वाले लोगों को आसानी से भटकाया जा सकता है। आसपास के लोगों की बातें, , चिड़ियों की आवाज, सब सुनाई दे जाती है इन्हें।
7.इनका ताने-भरा मिजाज
क्रिएटिव लोगों की एक खासियत इनकी बातों से जाहिर हो जाती है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण होते हैं इनके ‘ताने’। ना-जाने शब्दों की किस खान से ये लोग कुन-चुनकर शब्द लाते हैं और उन्हें अपनी कला के धागे में बुनते हुए धड़ल्ले से सामने वाले पर ‘ताने’ के रूप में फेंकते हैं। ये इनकी बहुत बड़ी कला है……
8.इनसे भी भिड़ जाते हैं ये लोग
हमें जो लोग पसंद नहीं होते हम उनसे दूर रहना ही पसंद करते हैं, लेकिन एक क्रिएटिव व्यक्ति जान बूझकर उस व्यक्ति से भी जाकर भिड़ जाता है जिससे वह नफरत करता है। और फिर पूछिये मत कैसी बहस छिड़ जाती है !!
9.नींद नहीं आती इन्हें
एक रिसर्च के अनुसार क्रिएटिव लोगों को रात में जल्दी नींद नहीं आती है। इनकी सोच भी यही होती है कि ‘जल्दी सोकर करना क्या है’? बस इसी सोच को कायम रखते हुए रात के 2-3 बजे से पहले नहीं सोते हैं ये लोग और उस समय को अपने किसी क्रिएटिव काम में ही लगाते हैं।