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ट्रेन के होते हैं इतने प्रकार शायद ही आप जानते हो-Different Types of Trains

1.मोनो रेल (Mono Train)

मोनो ट्रेन की शुरूआत 1897 में जर्मनी में हुई थी इस ट्रेन का आविष्‍कार रूस के ईवान एल्‍मैनोव ने बर्ष 1820 में किया था मोनो ट्रेन बिना पहियों वाली एक या इससे अधिक कोच वाली रेलगाडी होती है ये ट्रेन दो तरह की होती है पहली जिसमें ट्रेन के कोच सीमेण्‍ट से बने लम्‍बे बीम पर चलती हैं जिन्‍हें एलीवेटेड प्रणाली कहते हैं और दूसरी जिसमें ट्रेन के कोच प्रवलित कंक्रीट सीमेण्‍ट से बने बीम में लगे रेल से लटकती हुई चलती है

2.बुलेट ट्रेन (Bullet Train)

बुलेट ट्रेन की शुरूआत 1 अक्‍टूबर 1964 में टोकियो से ओसाका के बीच हुई थी इस ट्रेन का नाम शिंकानसेन था शुरूआत में इस ट्रेन की गति 240 किमी प्रतिधंटा थी इस समय बुलेट ट्रेन की अधिकतम गति 340 किमी प्रतिधंटा है

3.सुरंग या टनल ट्रेन (Tunnel Train)

जिन ट्रेनों का अधितम मार्ग सुरंगों या टनल से होकर गुजरता है उन्‍हें सुरंग या टनल ट्रेन कहते हैं विश्‍व की सबसे लम्‍बी रेलवे सुरंग जापान की सिकान सुरंग है जिसकी लम्‍बाई 53.850 किमी है यह सुरंग 13 मार्च 1988 को खोली गई थी यह सुरंग होने के साथ-साथ सबसे लम्‍बी नैरो गेज रेलवे सुरंग और समुद्र के अंदर विश्‍व की सबसे लम्‍बी रेलवे सुरंग भी है

4.हाइब्रिड ट्रेन (Hybrid Train)

ये ट्रेन यात्रा के दौरान रिचार्जेबल एनर्जी स्‍टोरेज प्रणाली का प्रयोग करती हैं सर्वप्रथम विश्‍व में लन्‍दन की मेट्रो ट्यूब रेल प्रणाली में वर्ष 1936  से लोकोमोटिव में बैट्री-इलेक्ट्रिक प्रणाली अपनाई थी हाइब्रिड इजंन की सर्वप्रथम खोज बामवार्डियर द्वारा की गई थी जिसमें डीजन ओर इलेक्ट्रिक दोनों इंजन लगे थे इसके बाद जापान में किहा-ई 200 हाइब्रिड इंजन बनाया था

5.ट्राम ट्रेन (Tram Train)

ये ट्रेन सडकों पर बने ट्रैक पर चलती हैं इसमें दो या दो अधिक डिब्‍बे होते हैं इन ट्रेनों को प्रयोग अधिक भीड वाले नगरों में बिजली सप्‍लाई या डीजन इंजन की सहायता से चलाई जाती हैं विश्‍व में सबसे पहले ट्राम सेवा को यूनाइटेड किंगडम में 1800 में शुरू किया गया था उस इसे घोड़ों की सहायता से खींच कर चलाया जाता था    भारत में ट्राम कार सेवा 24 फरवरी 1873 को 3.8 किमी लम्‍बे सियालदाह और अरमेनियम घाट स्‍ट्रीट के बीच लकाता में शुरू हुई थी इसके बाद यह सेवा मुम्‍बई में 1874 में शुरू हुई थी

5.भूमिगत ट्रेन  (Underground Train)

जिन ट्रेनों का रास्‍ता भूमि के अंदर होकर गुजरता है उन्‍हें भूमिगत रेल कहते हैं इस ट्रेनों का उपयोग शहरी क्षेत्राेें में किया जाता है अमेरिका के न्‍यूयॉर्क शहर में विश्‍व की सबसे लम्‍बी भूमिगत रेलवे सुरंग है जो 374 किमी लम्‍बी और इसमें 468 रेलवे स्‍टेशन हैं इस भूमिगत रेलवे सुरंग की शुरूआत 27 अक्‍टूबर 1904 को हुई थी भारत में कोलकाता मेट्रो रेल और दिल्‍ली मेट्रो रेल के कुछ भाग भूमिगत बने हुऐ हैं

6.हाई स्‍पीड ट्रेन (High Speed Train)

जो रेलगाडीया परम्‍परागत रेल लाइनों पर 200 किमी और नई रेललाइनों पर 250 किमी या इसके अधिक की गति से दौडती हैं उन्‍हें हाई स्‍पीड ट्रेन कहते हैं इन ट्रेनों में अनेक अत्‍याधुनिक तकनीक अपनाई जाती है उच्‍च गति की रेलगाडीयॉ चलाने में चीन का पहला स्‍थान है

7.मेट्रो ट्रेन (Metro Train) 

विश्‍व के बडे-बडे शहरों में शहरी यातायात हेतु तेज गति से रेलगाडियॉ चलाई जाती हैं जिन्‍हें मेट्रो ट्रेन कहते हैं इस समय विश्‍व में 40 से अधिक देशों में मेट्रो ट्रेनों का संचालन हो रहा है लन्‍दन का अण्‍डग्राउण्‍ड मेट्रो विश्‍व का सबसे पुराना मेट्रो रेलवे स्‍टेशन है न्‍यूयॉर्क के मेट्रो प्रणाली स्‍टेशनों की संख्‍या तथा ट्रैक रूट की लंबाई में विश्‍व में सबसे बडा स्‍थान है

8.समुद्री ट्रेन (Sea Train)

जो ट्रेन समुद्र के तटीय भागों में अथवा समुद्र के अन्‍दर बनाई गई सुरंगों में चलाई जाती हैं उन्‍हें समुद्री ट्रेन कहते हैं समुद्री ट्रेनों में अधिकतर मालगाडीयों का संचालन किया जाता है सबसे पहली समुद्री ट्रेन जापान में चलाई गई थी जिसका नाम सीकर रेलवे है यह होन्‍शूद्वीप तथा होक्‍काइडो द्वीप को जोडती है इसका निर्माण जून 1972 से मार्च 1985 के बीच हुआ था  इसकी लम्‍बाई 53.85 मीटर है यह समुद्र के जल स्‍तर से 160-200 मीटर नीचे समुद्र में चलती है

9.मैगलेव या चुम्‍बकीय ट्रेन (Maglev or Magnetic Train)

कम दूरी तक चलने वाली एवं चुम्‍बकीय सिद्धान्‍त पर कार्य करने वाली रेलगाडीयों को मैगलेेेव या चुम्‍बकीय ट्रेन कहते हैं चुम्‍बकीय ट्रेन का सर्वप्रथम अनुसन्‍धान कार्य अमेरिका में वर्ष 1960 में हुआ था विश्‍व में पहली वाणिज्यिक मैगलेव ट्रेन की शुरूआत वर्ष 1984 में बर्मिघम में हुई थी ये ट्रेन इलेक्‍ट्रोमेग्‍नेटिक सस्‍पेन्‍शन या इलेक्‍ट्रोडायनामिक्‍स सिद्धान्‍त पर कार्य करती है इन रेलगाडीयों में कोई भी पहीया नहींं होता है जर्मनी में यह ट्रेन ट्रांस रेपिड के नाम से चलती है

 

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