आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर चोथा आदमी डिप्रेशन का शिकार होता जा रहा है। depression कई बार थोड़े से समय के लिए ही रहता है, कभी यही depression एक भयानक रूप ले लेता है। कोई इंसान डिप्रेशन से संबंधी बीमारी से पीड़ित होता है, तो कई बार यह उस इंसान के रोजमर्रा की ज़िंदगी को और उसके कामकाज में बाधा डालता है या उस इंसान के परिवार वालो के दुखों का कारण बन जाता है।
क्या होता है डिप्रेशन – DEPRESSION IN HINDI
Depression की स्थिति तब होती है जब हम जीवन के हर पहलू पर नकारात्मक (negative attitude ) रूप से सोचने लगते हैं। जब यह स्थिति चरम पर पहुंच जाती है तो इंसान को अपनी ज़िंदगी बेकार लगने लगने लगती है और धीरे धीरे इंसान डिप्रेशन की स्थिति मे पहुच जाता है । चिंता और तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोन(hormones) का level बढ़ता जाता है, जिनमें एड्रीनलीन (adrenaline) और कार्टिसोल (cortisol) प्रमुख हैं। लगातार तनाव(stress) और चिंता(tension) की स्थिति अवसाद यानि की depression में बदल जाती है।
अवसाद के लक्षण – SYMPTOMS OF ANXIETY DEPRESSION
मनोविज्ञानिक लक्षण – PSYCHOLOGICAL SYMPTOMS
1 निरन्तर चिंता करना
2 स्वस्थ के विषय में चिंता करना
3 नकारात्मक विचार आना
4 भ्रामक विचार
5 काम में मन ना लगना
6 स्वभाव चिड़चिड़ा होना
7 छोटो छोटी बातो पर गुस्सा आना
8 भ्रम करना
9 मनःस्थिति में बदलाव
10 पागलो जैसा बर्ताव करना
11 अकेला रहना
12 बुरे सपने आना
13 खुश न रहना
14 स्ट्रेस लेना
15 कम बोलना
16 डर लगना
शारीरिक लक्षण – PHYSICAL SYMPTOMS
1 सर दर्द होना
2 दिल का काँपना
3 खाना निगलने में मुश्किल
4 उल्टी आने को होना
5 बार बार बाथरूम जाना
6 पीला पड़ना
7 श्वास छोटा होना
8 चक्कर आना
9 मासपेशियों में दर्द
10 दिल की धड़कन तेज होना
11 शारीर का काँपना
12 पसीना आना
13 ब्लड प्रेशर कम ज्यादा होना
14थकावट होना
डिप्रेशन का इलाज़ – TREATMENT OF DEPRESSION IN HINDI
डिप्रेशन के समय इंसान को लगता है की उसकी ज़िंदगी मे कुछ भी नही बदलने वाला और वह इंसान अपनी हार मान लेता है। तो आइये जानते है की कैसे आप नकरात्मक विचारो से छुटकारा पाकर depression को कम कर सकते है।
1 मामले से ध्यान हटाये
इस योजना या रणनीति में व्यक्ति उस स्थिति या समस्या से अपना ध्यान हटा लेता है और खुद को दूसरे काम में बिजी रखने की कोशिश करता है। उस समस्या के बारे में सोचना भी छोड़ देता है जिससे व्यक्ति को शांति मिलती है
2 डिप्रेशन की वजह जानें
अगर आप डिप्रेशन का समाधान निकालना चाहते हैं, तो डिप्रेशन की वजह को जानने की कोशिश करें। इसके बाद इसे कही लिख सकते लें। फिर सोचें कि इस प्रोब्लेम का क्या solution हो सकता है? अगर पॉसिबल हो, तो उस पर जल्द से जल्द अमल करना शुरू कर दें।
3 Future की टेंशन ना लें
‘’कल क्या होगा’’ परेशानियों को बढ़ावा देता है, इसलिए हमेशा आज में जिएं क्योकि present ही reality है और उसे बेहतर करने की कोशिश करते रहें। ऐसा करने से आपका future अपने आप ठीक हो जाएगा। हमारा हर दिन और हर पल हमें कुछ न कुछ नई बातें सिखाता है और परेशानियों और दिक्कतों से लड़ना सिखाता है।
4 चीखना
कुछ लोग हार से पैदा हुई हताशा, तनाव आदि को दूर करने के लिए जोर जोर से चीखने लगते है। ये तनावपूर्ण स्थिति या कष्टदायी स्थिति को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है। मनोविज्ञानिक भी तनावपूर्ण स्थिति में चीखने को एक अच्छी तकनीक मानते है
5 गाने सुनना
तनाव या दबाव को दूर करने के लिए एक अच्छी तकनीक या योजना है कि व्यक्ति को गाने सुनने चाहिए। इससे तनाव में कमी आती है और व्यक्ति तरोताजा हो महसूस करता है
6 भावनाओ को बाहर निकलना
रोजमर्रा की जिंदगी में व्यक्ति किसी भी समस्या से तनाव में आ सकता है ऐसे में ये तरीका या युक्ति बहुत काम आती है की व्यक्ति अपनी समस्याओ को दूसरे लोगो जैसे दोस्त, भाई, बहन, आदि के साथ बाटता या सांझा करता है तो इससे उसका मन हल्का हो जाता है और तनाव कम हो जाता है क्योंकि उसके मन में पैदा हुई भावनाये निकल जाती है
7 नशीली चीज़ों का सेवन न करे
अक्सर तनाव को कम करने के लिए व्यक्ति शराब , ड्रग्स, सिगरेट आदि का सहारा लेते है जिससे कुछ टाइम के लिए तो वो उस स्थिति से दूर हो जाते है लेकिन धीरे धीरे वो एक गम्भीर लत बन जाती है जो एक नए तनाव को पैदा करती है इसलिए इंसान को इससे दूर ही रहना चाहिये
8 प्राणयाम से दूर कीजिये depression
अगर आप टेंशन और डिप्रेशन से मुक्त होना चाहते हैं तो रोज प्राणयाम करें। इस योग से टेंशन, स्ट्रैस और डिप्रेशन कम होता है और बुद्धि तेज होती है।
9 हंसने की कला सीखें
हंसने से stress का स्तर कम होता है और हमारी मांसपेशियों को आराम मिलता है। इससे feel good factor बढ़ता है और एन्डार्फिन हार्मोन्स की मात्रा बढ़ती है और इससे हम relax महसूस करते है।
10 अकेलेपन से छुटकारा पाये
अकेलापन डिप्रेशन का एक सबसे बड़ा कारण है। अगर आपके परिवार मे कोई इंसान डिप्रेशन से पीड़ित है तो जितना हो सके उसके साथ समय बिताए। ज्यादा डिप्रेशन मे अक्सर लोगो मे आत्महत्या का विचार सबसे पहले आता है इसलिए जितना हो सके उस इंसान के साथ समय बिताए।
इसके साथ ही ऐसे बहुत से NGO है जो डिप्रेशन से झुझ रहे लोगो की मदद करते है। आप उन्हे फोन करके अपनी प्रॉब्लम्स का solution जान सकते है।
अंत मे हम फिर यही कहेंगे की लोग अपनी मनोवैज्ञानिक समस्याओ पर पर्दा डाले रहते हैं। उन्हें लगता है कि अपनी दिक्कत बताने पर वो मज़ाक का विषय बन जाएंगे जो की गलत है। यह रवैया दिक्कत को कम करने की बजाय ओर बड़ा देता है। अगर आपको या आपके आस पास किसी को डिप्रेशन बहुत ज्यादा हो गया है तो उसे किसी psychologist या psychiatrist के पास जरूर जाए। इसका इलाज मनोवैज्ञानिक तरीके से बहुत आसानी से किया जा सकता है।